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रतलाम / मारपीट में मृत वृद्ध का मामला, आरोपियों के घर चला बुलडोज़र, पुलिस टीम मौके पर, पिपलोदा टीआई और एसआई निलंबित (देखिये वीडियो)

रतलाम, 04 फरवरी(इ खबर टुडे)। आपसी रंजिश के चलते हुई गंभीर मारपीट से घायल वृद्ध की मौत बीते दिन शनिवार को हो जाने से आक्रोशित परिजनों के हंगामे के बाद आज सुबह प्रशासन का बुलडोजर आरोपियों के घर पंहुचा और अवैध अतिक्रमण को तोडा गया। मौके पर भारी पुलिस बल सहित प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। दूसरी तरफ मामले से जुड़े पिपलोदा के थाना प्रभार्री विक्रम सिंह चौहान और जाँच अधिकारी एस आई एल दायमा को लापरवाही बरतने पर निलंबित कर दिया गया है।

उल्लेखनीय कि जिले के पिपलौदा थाना क्षेत्र के ग्राम कंचनखेड़ी में आपसी रंजिश के चलते हुए हमले में घायल वृद्ध 77 वर्षीय नाथूलाल चौधरी की इलाज के दौरान शनिवार सुबह करीब 11:30 बजे मृत्यु हो गई थी। उनकी मृत्यु के बाद परिजन और अन्य लोगों में रोष फैल गया तथा वह आरोपियों की गिरफ्तारी करने और उनके घरों पर बुलडोजर चलाने की मांग करने लगे। मांग नहीं मानने पर वे शव मेडिकल कालेज से एसपी आफिस ले जाकर रखकर धरना देने वाले थे, लेकिन उन्हें शव नहीं दिया गया। इस पर आक्रोशित परिजन बगैर शव के एसपी आफिस पहुंचे थे और प्रदर्शन किया था। पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया था कि आरोपियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।

आज पुलिस और प्रशासन की एक टीम आरोपियों के घर पहुंची और बुलडोज़र से अवैध निर्माण तोड़े गए। एसडीएम अनिल बहाना समेत अनेक अधिकारी भरी पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद थे। दूसरी तरफ गंभीर मामले में प्रयाप्त सक्रियता नहीं बरतने वाले पिपलोदा टीआई विक्रम सिंह चौहान और एस आई एल दायमा को पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा ने निलंबित कर दिया है।

यह था पूरा मामला
मृतक नाथूलाल चौधरी के भतीजे जितेंद्र जाट ने बताया कि अगस्त 2022 में तेजा दशमी पर जुलूस निकाला जा रहा था तब कुछ लोगों ने नाथूलाल के पुत्र धर्मेंद्र और जुलूस पर हमला कर दिया था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। प्रकरण न्यायालय में चल रहा है। उक्त प्रकरण में नाथूलाल चौधरी गवाह है और 25 जनवरी 2024 को उनकी न्यायालय में गवाही होनी थी।

इससे पहले ही 24 जनवरी को सुबह करीब 11 से 11:30 के बीच नाथूलाल चौधरी खेत पर जा रहे थे तभी उन पर आरोपियों ने हमला कर दिया। उन्हें बुरी तरह मारा गया इससे उनके शरीर पर करीब 100 फैक्चर हुए थे। उन पर आठ पुरुषों व चार महिलाओं ने हमला किया था लेकिन पुलिस ने आठ पुरुष आरोपियों के खिलाफ ही प्रकरण दर्ज किया ।

मृतक के परिजनों का कहना था कि पुलिस अभी तक मात्र तीन आरोपी ही गिरफ्तार कर पाई है। पिपलोदा पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप है। लोगों ने कहा कि जब तक अपराधियों के मकान पर बुलडोजर नहीं चलाया जाएगा तब तक शव नहीं ले जाएंगे तथा शव एसपी आफिस पर रख कर धरना देंगे।

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